नक़्श लायलपुरी
जसवंत राय शर्मा जिनके कबिताई के उप नाँव नक़्श लायलपुरी (टेम्पलेट:Nq) (24 फरवरी 1928 - 22 जनवरी 2017) के रूप में जानल जाला, उर्दू के कवी आ हिंदी फिलिम के गीतकार रहलें। इनके लिखल गीत एक दौर में भारत आ पाकिस्तान में काफी लोकप्रिय भइलेन आ अभी भी सदाबहार मानल जालें। 22 जनवरी 2017 के इनकर निधन हो गइल।
जीवन
नक़्श लायलपुरी के जनम 24 फरवरी 1928 के[१] लायलपुर, पंजाब (अब फैसलाबाद, पाकिस्तान) में भइल। इनके निधन 22 जनवरी 2017 के मुंबई में भइल।[२]
कैरियर
नक़्श लायलपुरी के पहिला फिलिमी गाना लिखे के मोका जग्गू (1952) नाँव के फिलिम में मिलल आ ऊ एह फिलिम खातिर अगर तेरी आँखों से आँखें मिला दूँ लिखलें।[३] अपना फिल्मी कैरियर में लायलपुरी कम से कम 154 म्यूजिक डाइरेक्टर लोग के साथ काम कइलेन।[४] हिंदी-उर्दू के अलावा लायलपुरी कई ठो पंजाबी गीत भी लिखलें। राजकपूर के प्रसिद्ध फिलिम हिना खातिर लिखल पंजाबी लहजा के गीत चिठिये नी सोनिये बहुत मशहूर भइल। एक ठो इंटरभ्यू में ऊ बतवलें कि अपना साठ साल के फिल्मी कैरियर में ऊ करीब 200 फिलिम में लगभग 1200 गीत लिखलें।[५]
फिल्मोग्राफी
- कुछ प्रसिद्ध गीत
- धानी चुनर मोरी हाए रे
- मैं तो हर मोड़ पर तुझको दूंगा सदा
- कई सदियों से कई जन्मों से
- उल्फ़त में ज़माने की हर रस्म को ठुकराओ
- तुम्हें देखती हूं तो लगता है ऐसे
- ये मुलाक़ात इक बहाना है
- क़दर तूने ना जानी
- चांदनी रात में एक बार तुझे देखा है
- चिट्ठिए
- तुम्हें हो न हो मुझको तो
- प्यार का दर्द है मीठा मीठा प्यारा प्यारा
- सीने में भी तूफ़ां है
संदर्भ
बाहरी कड़ी
- टेम्पलेट:IMDb name
- फिलिम लेखक संघ के वेबसाइट पर।