पृथ्वी के घूर्णन
पृथ्वी के घूर्णन (टेम्पलेट:Lang-en) पृथ्वी ग्रह के अपना धुरी पर घूमे के कहल जाला। पृथ्वी पच्छिम से पूरुब के ओर घूमे ले आ अगर ध्रुव तारा के ओर से देखल जाय तब ई घड़ी के सुई के बिपरीत दिसा में घूमे ले।
पृथ्वी के घूमें के सीधा परिणाम हमनी के सूर्य, चंद्रमा आ तारा सभ के उगे आ अस्त होखे के रूप में समझ में आवे ला। एकरा के पृथ्वी के दैनिक गति भी कहल जाला आ दिन-रात के होखल (सूर्य के उदय-अस्त) एही गति के परिणाम हवे।
पृथ्वी के अपना धुरी पर एक चक्कर घूमे में, यानि एक घूर्णन पूरा करे में 24 घंटा के समय लागे ला अगर सुरुज के संदर्भ में एकरा के नापल जाय; दूर मौजूद तारा सभ के संदर्भ में नापल जाय त एक चक्कर लगावे में 23 घंटा 56 मिनट आ 4.1 सेकेंड के समय लागे ला।
पृथ्वी के एह गति के आधार पर समय के नाप भी कइल जाला। सूर्य के संदर्भ में एक चक्कर के सौर दिन, आ तारा सभ के संदर्भ में एक चक्कर के नाक्षत्र दिन (साइडेरियल दिन) कहल जाला। पृथ्वी पर चंद्रमा के खिंचाव, जेवना से ज्वार भाटा आवे ला, के कारण पृथ्वी के एह गति में कमी आवत जा रहल बा। मने कि पुराना समय में पृथ्वी तेजी से घूमे आ तब दिन के लंबाई वर्तमान से छोट होखे। आधुनिक परमाणु घड़ी सभ के नाप ई बतावत बा कि अबसे लगभग एक सदी पहिले दिन के लंबाई वर्तमान में दिन के लंबाई से लगभग 1.7 मिलीसेकेंड छोट होखे।[१] दिन के लंबाई में एह बढ़ती के समय-समय पर लीप सेकेंड जोड़ के एडजस्ट कइल जाला।