बिदेसिया (तमासा)

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बिदेसिया (कैथी: 𑂥𑂱𑂠𑂵𑂮𑂱𑂨𑂰) चाहे बहरा बहार भिखारी ठाकुर के लिखल एगो भोजपुरी तमासा हऽ। ई भिखारी ठाकुर के गरीबी, पलायन आ नारी सशक्तिकरण प लिखल नाटक सभ मे से एगो बा।[१] ई नाटक आपन ख्यती के चलते एगो भोजपुरी भाषा के एगो नाट्य शैली बनि गइल, आ दोसरो भाषा मे एह शैली मे तमासा लिखाइल, ओह घड़ी के बिद्वान लोग एकर प्रसिद्धि के तुलना रामायण से कईल बा।[२]

एह तमासा मे उनइसवा सताबदी के भोजपुरी समाज मे मेहरारुन के दुरदसा के देखावल गइल बा। एह नाटक के 1917 मे लिखल गइल रहे।[३]

नांव

एकरा पहिलका बेरा कलजुग प्रेम नांव से परकासित कईल गइल रहे, फेर बहरा बहार नांव से छपाईल, बाकिर एकर बिदेसिया नांव के पाट के चलते ई एही नांव से परसिद्ध भईल।[४]

संदर्भ


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