भारत (जन)
भारत लोग के बर्णन ऋग्वेद में मिले ला, खास तौर पर तीसरा मण्डल में, जहाँ विश्वामित्र ऋषि के जिक्र बाटे, जे भारत जन से रहलें। बिद्वान लोग के ई बिचार बाटे कि भारत नाँव के "जन" (कबीला, समूह) एक ठो वैदिक काल के जन रहल जे दूसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व में पंजाब क्षेत्र में निवास करे।[१][२] ऋग्वेद के मण्डल 3 में "नदी सूक्त" (ऋ॰ 3.33) में पूरा भारत जन के यमुना नदी के पार करत बतावल गइल बाटे। भर्ता शब्द के संबंध वैदिक देव अग्नि आ रूद्र से भी जुड़ल बतावल जाला (ऋ॰ 2.36.8)।[३]
मण्डल 7 (7.18 से) में दशराज्ञ युद्ध में भी भारत नाँव के लोग के शामिल होखे के प्रमाण बाटे। ई लोग एह लड़ाई में बिजेता पक्ष में रहल। इहाँ ई बतावल जाला कि भारत लोग के मुखिया (या राजा) सुदास के बिजय के परिणामस्वरुप भारत लोग कुरुक्षेत्र में आपन निवास बनावे में सफल भइल।[४] अइसन अनुमान जाहिर कइल गइल बाटे की वैदिक काल में भइल जुद्ध सभ में भारत लोग बिजयी रहल आ एही से वैदिकोत्तर काल में (महाभारत काल में) ओह समय के सम्राट के भरत आ उनुके राज्य के "भारत" नाँव से पुकारल गइल बाटे।[५] भारत लोग, बाद में पुरु नाँव के वैदिक जन के साथ मिल के कुरु नाँव के राज्य के स्थापना कइल।[६] "भारत" अब वर्तमान समय में भारत गणराज्य के नाँव बाटे।
संदर्भ
- ↑ टेम्पलेट:Citation
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- ↑ टेम्पलेट:Cite book
- ↑ ORIGINS AND DEVELOPMENT OF THE KURU STATE by Michael Witzel, Harvard University [१]
- ↑ Julius Lipner (2010) "Hindus: Their Religious Beliefs and Practices.", p.23
- ↑ National Council of Educational Research and Training, History Text Book, Part 1, India