मैलवेयर

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मैलवेयर, मालवेयर, भा मॅलवेयर (टेम्पलेट:Lang-en) दुष्टताभरल, दुरभाव वाला चाहे खतरनाक किसिम के नोकसान पहुँचावे वाला सॉफ्टवेयर होला जे एही नीयत से बनावल जाला कि जवना कंप्यूटर सिस्टम में ओकरा के परवेश करावल जाय ओह में कुछ नोकसान चाहे अनचाहल बदलाव करे।[१][२] बिबिध किसिम के मैलवेयर बाड़ें जिन्हन में कंप्यूटर वायरस, कंप्यूटर वर्म, ट्रोजन हॉर्स, स्पाइवेयर, रैंसमवेयर, ऐडवेयर, रोग सॉफ्टवेयर, आ स्केयरवेयर शामिल बाड़ें। ई सभ मैलवेयर के परकार हवें।

अइसनो प्रोग्राम सभ के मैलवेयर मानल जाला जे चोरी से कवनों अइसन काम करें जे कंप्यूटर इस्तेमाल करे वाला के इंटरेस्ट के खिलाफ होखे। उदाहरण खाती, सोनी म्यूजिक कंपनी के कांपैक्ट डिस्क (सीडी) एगो रूटकिट इंस्टाल क देत रहल जे अबैध कॉपी करे से रोके, बाकी साथे-साथ ऊ इस्तेमाल करे वाला के गाना सुने के आदत के भी कंपनी के रिपोर्ट करे जेकरा चलते अउरी किसिम के खतरा बेमतलबे बढ़ जाय।[३]

बिबिध किसिम के एंटीवायरस सॉफ्टवेयर, फायरवाल आ अउरी किसिम के तरीका सभ के इस्तेमाल एह मैलवेयर सभ के रोके आ इनहन से सुरक्षा खातिर इस्तेमाल होखे ला। नया घुसे वाला मैलवेयर के रोके चाहे पहिले से घुस चुकल मैलवेयर के चिन्हित करे, या फिर अइसन मैलवेयर से परभावित हो चुकल चीजन के रिकभर करे में एह तरीका सभ के इस्तेमाल होला।[४]

मकसद

This pie chart shows that in 2011, 70% of malware infections were by Trojan horses, 17% were from viruses, 8% from worms, with the remaining percentages divided among adware, backdoor, spyware, and other exploits.
मैलवेयर संबंधी आँकड़ा।

कंप्यूटर सिस्टम में इन्फेक्शन पैदा करे वाला बहुत सारा सुरुआती सॉफ्टवेयर आ प्रोग्राम सभ एक्सपेरिमेंट, टेस्टिंग आ मजाक खातिर लिखल गइल रहलें।[५] आज के तारीख में, मैलवेयर के इसेमाल ब्लैक हैट हैकर लोग भी कर रहल बाटे आ सरकार सभ भी करत बाड़ी स जेकर मकसद निजी, फाइनेंस संबंधी चाहे बिजनेस संबंधी जानकारी के चोरी कइल होखे ला।[६][७]

मैलवेयर के इस्तमाल आमतौर पर ब्यापक रूप से सरकारी भा कार्पोरेट वेबसाइट सभ के ऊपर होखे ला जवना से कि सुरक्षित रखल जानकारी हासिल कइल जा सके,[८] या फिर उनहन के संचालन के बाधित कइल जा सके। हालाँकि, मैलवेयर के इस्तमाल केहू ब्यक्ति के खिलाफ भी हो सके ला आ एह तरीका से ओह ब्यक्ति के निजी जानकारी, जइसे की पर्सनल आइडी नंबर, बैंक खाता आ क्रेडिट कार्ड इत्यादि के डिटेल आ निजी पासवर्ड नियर चीज चोरावल जा सके।

जबसे ब्राडबैंड इंटरनेट के पहुँच में ब्यापक बढ़ती भइल बाटे, मैलवेयर सभ के मात्रा में बहुते बढ़ती देखल गइल बा। 2003 के बाद से बहुत सारा वायरसवर्म से के डिजाइन इंटरनेट के माध्यम से इस्तेमाल कर्ता के कंप्यूटर पर कब्जा जमावे आ अउरी अबैध काम खाती हो रहल बाटे।[९] मैलवेयर से इन्फेक्ट भइल "जोम्बी कंप्यूटर" सभ के इस्तेमाल ईमेल स्पैम भेजे खातिर हो सके ला चाहे अनचाहा डेटा होस्ट करे खातिर हो सके ला, जइसे कि केहू के कंप्यूटर में अबैध तरीका से चाइल्ड पोर्न सहेज दिहल जाय आ ओकरा के खुदे पता न रहे,[१०] या फिर फिरौती मांगे खातिर केहू के कंप्यूटर पर कब्जा जमा लिहल जा सके ला।[११]

अइसन दुरभावी प्रोग्राम डिजाइन कइल गइल बाड़ें जे कंप्यूटर यूजर के वेब ब्राउजिंग के मानीटर करे लें आ ओकर आदत के पता लगा के अबैध तरीका से कंपनी सभ के ई जानकारी दे लें। अनचाहा तरीका से परचार आ बिग्यापन देखावे, कौनों अफिलिएट मार्केटिंग खातिर जानकारी जुटावे वाला ई खराब प्रोग्राम सभ स्पाइवेयर कहालें। आमतौर पर ई वायरस नियर ना फइले लें बलुक कंप्यूटर के सिक्योरिटी में मौजूद खामी के फ़ायदा उठा के इंस्टाल हो जालें आ जानकारी चोरी से भेजत रहे लें। ई स्पाइवेयर सभ कौनों दुसरे सॉफ्टवेयर के साथे चोरी चुपके अनचाहा तरीका से भी इंस्टाल हो सके लें।[१२]

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इहो देखल जाय

संदर्भ

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टेम्पलेट:Computer-stub टेम्पलेट:कंप्यूटर-बिज्ञान-आधार