रावण

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अमृतमपत्रिका ग्वालियर रावण, हिरण्यकश्यप, महर्षि दुर्बासा, गुरु परशुराम आदि इतने तपस्वी, शिव भक्त होने के बाद भी क्रोधी क्यों थे? जाने कारण...

घोर तपस्या के फलस्वरूप शरीर में भयंकर ऊर्जा का संचार होता है, तब क्रोध आना स्वाभाविक है। रावण, हिरण्यकश्यप आदि जिद्दी प्रवृत्ति के थे। इणक उद्देश्य था कि-जिद करो और दुनिया बदलो। भक्ति से काम, क्रोध, लोभ, मोह में वृद्धि भी होती है और क्षीणता भी आती है। इसमें मूल भावना या कामना जो भी है वैसा ही फल मिलता है। अगर आपकी कोई मनोकामना है और आप किसी उदीशय को लेकर भक्ति करेंगे वैसा ही फल मिलेगा। इनकी इच्छाओं का अंत नही था। ये सब राक्षस अपार सम्पदा, शक्ति के स्वामी बनना चाहते थे। जिन्हें असुर भी कहा जाता है जिसका अर्थ है कि इन दैत्यों के किसी से सुर से सुर नहीं मिल पाया। इन दैत्यों का मानना था कि शक्ति… सम्पदा-सम्पत्ति, धन में ही छुपी है। पैसा छठी इन्द्रिय है। अगर धन नहीं है, तो पांचन इन्द्रिय शिथिल हो जाती हैं और यदि रुपया पास है, तो आप कितने ही मूर्ख हों अपाकी पांचन इन्द्रिय काम करने लगती हैं। सन्सार में पहले भी ताकत, शक्ति, धन की लड़ाई थी और आज भी सारी समस्या पॉवर को लेकर ही है। वर्तमान में जो देश जितना समृद्ध है, पॉवरफुल है, वे आज भी दुनिया के गुंडे हैं, उनकी 100 गलतियां माफ हैं। गरीब आदमी को जुआरी कहते हैं ओर पैसे वाले इसे शौक कहते हैं। गरीब आदमी के लिए कानून मकड़ी का जाल है। एक बार इसमें गरीब उलझ गया, तो मकड़ी की तरह मर जाता है और अमीरों के लिए कानून खेल तमाशा है। ये लोग जब उलझते हैं, तो मकड़ी के जाले को ही साफ कर देते हैं। आखिरी में एक बात अवश्य ध्यान रखें कि-भजन, तपस्या, शिव साधना कभी व्यर्थ नहीं जाती। यह बड़ी ऊर्जा है। बाद थोड़ा धैर्य की जरूरत है। उपरोक्त सभी राक्षस शिव की भक्ति से ही महा शक्तिशाली बने। अतः बिना किसी भ्रम के जैसे भी बने शिवलिंग पर जल अर्पित करते रहें। शिवभक्ति में लगे रहें। एक दिन आप या अपाकी अगली पीढ़ी सफलता चुमेगी।

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पीतल के रथ पर रावण, सियरसोल राजबाड़ी, पश्चिम बंगाल, भारत।

रावण हिंदू धर्मग्रंथ आ महाकाव्य रामायण में आ अउरी रामकथा सभ में बर्णित लंका के राजा रहलें। रावण के शिव के भक्त, महाव पंडित, बिबिध बिद्या सभ के जानकार आ सबल राजा के रूप में मनल गइल बा। कथा में रावण के दस सिर वाला (दशानन) बतावल गइल बा जे कुछ बिद्वान लोग के अनुसार छहों शास्त्र आ चारों बेद के ज्ञान रखे वाला के चीन्हा के रूप में मानल जाला। रावण के वीणा बजावे में निपुण कलाकार के रूप में भी चित्रण मिले ला। एकरे सभ के बावजूद रावण देवता लोगन पर बिजय पावल चाहें अइसन कथा में बर्णित बा।

रामायण में रावण राम के पत्नी सीता के हरण कइ लेलें जे लक्ष्मण द्वारा रावण के बहिन सुपनखा के नाक काटे के बदला लेवे के कारण कइल बतावल गइल बा। राम-रावण के जुद्ध रामायण के चरम घटना हवे जेह में राम के बिजय होले।

हिंदू धर्म के अलावा रावण के जिकिर बौद्ध आ जैन ग्रंथ सभ में भी मिले ला।

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संदर्भ

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