लीगल टेंडर
लीगल टेंडर (टेम्पलेट:Lang-en) अइसन साधन जवना के इस्तेमाल देनदारी चुकता करे खातिर समबन्धित देस या क्षेत्र में कानूनी तौर पर सर्वमान्य होखे।[१][२][३] ई भुगतान करे खातिर (देनदारी चुकता करे खातिर) इस्तेमाल कइल जा सके ला आ जब अइसन काम खातिर केहू के दिहल जाय तब ओकरा के ई स्वीकार करे के पड़े। आमतौर पर सरकार द्वारा छापल गइल करेंसी आ सिक्का एह श्रेणी में आवे ला। हालाँकि, अलग-अलग देस आ क्षेत्र में एकरे कानूनी परिभाषा में कुछ मामूली अंतर भी मिले ला। पर्सनल चेक, क्रेडिट कार्ड या अन्य गैर-नकदी वाला साधन लीगल टेंडर ना होलें।
हालाँकि, भुगतान में सुबिधा-असुबिधा के चलते भी केहू कौनों लीगल टेंडर के लेवे से मना कर सके ला, आ कुछ देस सभ में अगर देनदारी तत्काल ओही घरी पैदा भइल जब भुगतान कइल जात बा तब भी कौनों खास किसिम के लीगल टेंडर के लेवे से मना कइल गैर-कानूनी ना मानल जाला। उदाहरण खातिर छोट-मोट दुकानदार कौनों सामान बेचे पर बहुत बड़ा नोट लेवे से इनकार कर सके ला।
लीगल टेंडर के चलन से वापसी
नोटबंदी
सिक्का का बैंकनोट सभ के सरकार या सरकारी एजेंसी हटा के ओकरे जगह ओही कीमत के दूसर सिक्का या नोट जारी कर सके ले। एह प्रक्रिया में पुराना नोट या सिक्का लीगल टेंडर ना रहि जाला।
चलन से बाहर निकालल
कौनों सिक्का या बैंकनोट के लीगल टेंडर के खतम कइले बिना भी ओकरा के चलन से उठा लिहल जा सके ला।
यादगार करेंसी/सिक्का
कई बेर सरकार या सरकारी एजेंसी अइसन नोट आ सिक्का भी जारी करे ले जेवन खाली कौनों ब्यक्ति, अवसर या घटना के यादगार के रूप में जारी कइल जालें। हालाँकि, भले ई आम चलन खातिर ना जारी कइल जालें, इनहन के लीगल टेंडर वाला स्टेटस बरकरार रहे ला।
भारत में
भारत में रुपिया वास्तविक लीगल टेंडर हवे। नवंबर 2016 में भारत सरकार पुरान टेम्पलेट:INR500 टेम्पलेट:INR1000 के नोट सभ के लीगल टेंडर खतम क दिहलस आ टेम्पलेट:INR500 के जगह नया नोट निकालल आ हजार के नोट पूरा तौर पर बंद कर दिहल गइल। भारतीय रुपिया, नेपाल आ भूटान में भी लीगल टेंडर बाटे (मने की कानूनी तौर पर देनदारी चुकावे खातिर इस्तेमाल कइल जा सके ला)। हालाँकि, एकरे उल्टा उहाँ के करेंसी भारत में लीगल टेंडर ना हवे।