साहित्य

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साहित्य (अंगरेजी: लिटरेचर) सामान्य अरथ में, लिखल गइल रूप में कौनों रचना के कहल जा सके ला।[१] हालाँकि, कुछ सकेत अरथ में कलात्मक ढंग से लिखल गइल रचना सभ के साहित्य के दर्जा दिहल जाला; पुराना समय में खाली कबितई वाली रचने सभ के साहित्य मानल जाय[२] आ गद्य रचना बाद में एह में शामिल भइल। दुसरे ओर, ब्यापक अरथ में, सगरी अइसन लिपिबद्ध, मने कि लिखाई भा लिपि के इस्तेमाल से सहेजल, चाहे ऊ हाथ से लिखल होखे चाहे छापा में छपल होखे, भा डिजिटल रूप में मौजूद होखे, कला आ ज्ञान के बात के निरूपण करे वाली सगरी सामग्री साहित्य कहल जा सके ले। ऑक्सफोर्ड ऑनलाइन हिंदी डिक्शेनरी के अनुसार, साहित्य के अरथ: लिपिबद्ध ज्ञान भा बिचार हो सके ला, गद्य भा पद्य में लिखल कलात्मक रचना, या फिर ग्रंथ सभ के सामूहिक रूप से साहित्य कहल जा सके ला।[३]

साहित्य के बर्गीकरण भी कई आधार पर कइल जा सके ला, जइसे कि भाषा, देस, बिधा, भा बिसयबस्तु के आधार पर अलगा-अलगा किसिम के साहित्य परिभाषित कइल जाला।

शब्दउत्पत्ती

भोजपुरी भाषा में साहित्य शब्द संस्कृत से आइल हवे जहाँ एकर उत्पत्ती सहित+यत् प्रत्यय से बतावल जाला आ अरथ कइल जाला कि जहाँ शब्द आ अरथ के सहभाव (एक्के साथ मौजूद होखे के स्थिती) होखे।[४] हालाँकि, ऊपर बतावल ब्युत्पत्ती में कत्तों शब्द आ अरथ के समभाव वाली बात अपने आप ना आ जाले, ई मानल जाला कि पुरनका आचार्य लोग काब्य, मने कि कबिताई के परिभाषा एही रूप में कइल कि जहाँ शब्द आ अरथ के समभाव होखे (सहितौ), हालाँकि बाद में एह पूरा बात खाती ई एकही शब्द इस्तमाल होखे लागल; साथे-साथ काब्य शब्द के अरथ एकरे बाद सिकुड़ गइल।

अंगरेजी शब्द लिटरेचर के उत्पत्ती लैटिन भाषा के शब्द लिटेरा (litera/littera) से बतावल जाला।[५] मने कि इहाँ भाषा के लिखल रूप के ढेर साफ बात कइल गइल बा, काहें कि एही लिटेरा मूल शब्द से जेकर अरथ अच्छर या अच्छर संबधित होला, से लेटर (अक्षर), लेटर चिट्ठी पतरी इत्यादि के उत्पत्ती होखे ला।

परिभाषा

साहित्य के परिभाषा समय के साथ बदलत रहल बाटे: ई एक किसिम से "संस्कृति सापेक्ष परिभाषा" होला।[६] पच्छिमी यूरोप में, 18वीं सदी से पहिले, साहित्य के मतलब रहे सगरी किताब आ लिखित सामग्री।[६] रोमांटिक जुग में अउरी सकेत माने के उदै भइल आ साहित्य के मतलब बूझल जाए लागल कि "कल्पनाशीलता" वाला लेखन के काम।[७][८] समकालीन बादबिबाद कि साहित्य में कवना कवना चीज के सामिल कयल जाय, पुरनका लच्छन सभ के ओर लवट रहल बा आ बेसी इन्क्लूसिव (मने ढेर कुछ समेटले) चिन्हित कइल जा रहल बा; जइसे कि उदाहरन के रूप में, सांस्कृतिक अध्ययन, एकरे पापुलर आ अलपसंख्यक बिधा सभ, सगरो के सामिल करे ला आ पच्छिमी पंथ (धार्मिक) परंपरा के ग्रंथ सभ के भी एही के हिस्सा माने ला।

संदर्भ

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  1. टेम्पलेट:Cite web
  2. साहित्य की परिभाषा, du.ac.in पर, (हिंदी में)।
  3. साहित्य, ऑक्सफोर्ड ऑनलाइन डिक्शेनरी (हिंदी में)।
  4. टेम्पलेट:Cite book
  5. टेम्पलेट:Cite web
  6. ६.० ६.१ Leitch et al., The Norton Anthology of Theory and Criticism, 28
  7. Ross, "The Emergence of "Literature": Making and Reading the English Canon in the Eighteenth Century", 406
  8. Eagleton, Literary theory: an introduction, 16