हरित क्रांति
Jump to navigation
Jump to search
हरित क्रांति (Green revolution, ग्रीन रिवोल्यूशन) भा तिसरकी खेती क्रांति (Third Agricultural Revolution) 1930 से 1960 के दशक के दौरान भइल बैज्ञानिक खोज आ टेक्नॉलजी ट्रांसफर के परिणाम के रूप में पूरा दुनियाँ भर में आ खासतौर पर बिकाससील देसन में खेती के उत्पादन में भारी बढ़ती भइल। एह दौरान हाई-उपज-किसिम (एचवाईवी), उदाहरण खाती गोहूँ आ धान के बौना किसिम; रासायनिक खाद; जोताई के नाया तरीका, खासतौर पर मशीनीकरण; आ सिंचनी के क्षेत्र में बढ़ती के कारण भारी पैमाना पर खेती के उपज में बढ़त भइल आ दुनिया के खेती के रूप बदल गइल।
एह क्रांति के निर्धारक सभ में फोर्ड फाउंडेशन आ रॉकफेलर फाउंडेशन, दुनो के योगदान रहल आ नार्मन बोरलाग एह सभ के प्रमुख नेता आ अगुआ रहलें जिनके एह क्षेत्र में काम करे खाती नोबल शांति पुरस्कार भी मिलल।