पर्यावरण पर मनुष्य के परभाव

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शहरी पार्क के इकोसिस्टम में अक्सर लोग जिया जंतु के खाना खियावे लागे ला।

पर्यावरण पर मनुष्य के परभाव भा पर्यावरण पर मानवजनित प्रभाव में अइसन सगरी प्रभाव शामिल बाड़ें जे पर्यावरण, जैवविविधता, आ अन्य संसाधन सभ पर[१][२] मनुष्य के काम के परिणाम के रूप में पड़े लें। शब्दावली, "मानवजनित" (अंगरेजी: एन्थ्रोपोजेनिक) मनुष्य के कामकाज आ बेहवार से पैदा होखे वाला परभाव सभ के खातिर कइल जाला। एह शब्दावली के पहिली बेर एह तकनीकी अरथ में इस्तमाल रूसी भूगर्भबिज्ञानी अलेक्सी पावलोव कइलें आ अंगरेजी में एह शब्द के इस्तेमाल ब्रिटिश इकोलॉजिस्ट आर्थर टांसले कइलें।[३] वायुमंडल बिग्यानी पॉल कुर्टजेन, एन्थ्रोपोसीन शब्द के इस्तेमाल सत्तर के दशक के बीच में कइलें[४] आ ई शब्द मनुष्य के क्रियाकलाप द्वारा वातावरण में फइलावल प्रदूषण के कारण पैदा स्थिति खातिर कइल जाला; आ आम तौर पर मनुष्य के बेहवार से पैदा सगरी पर्यावरणी समस्या से भरल दुनिया खातिर भी।[५]

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संदर्भ

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बाहरी कड़ी

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  1. टेम्पलेट:Cite journal
  2. टेम्पलेट:Cite book
  3. Bampton, M. (1999) "Anthropogenic Transformation" in Encyclopedia of Environmental Science, D. E. Alexander and R. W. Fairbridge (eds.), Kluwer Academic Publishers, Dordrecht, The Netherlands, ISBN 0412740508.
  4. Crutzen, Paul and Eugene F. Stoermer. "The 'Anthropocene'" in International Geosphere-Biosphere Programme Newsletter. 41 (मई 2000): 17–18
  5. टेम्पलेट:Cite journal