प्रदूषण

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कारखाना के चिमनी से निकलत धुआँ, हवा प्रदूषण

प्रदूषण अइसन क्रिया चाहे घटना हऽ जेवना में प्राकृतिक पर्यावरण में कौनो अइसन चीज क प्रवेश होला जेवना से पर्यावरण के नोकसान पहुँचे। जवनी चीज की प्रवेश से अइसन होला ओ पदार्थन के प्रदूषक पदार्थ कहल जाला।[१] आमतौर पर पर्यावरण में कई प्राकृतिक कारण से अइसन पादर्थ सभ के प्रवेश हो सके ला जे नोकसानदेह होखे, जइसे कि जंगल के आग से निकलल धुँआ चाहे ज्वालामुखी से निकले वाली गैस आ धुँआ, बाकी एह शब्द के इस्तेमाल मनुष्य द्वारा पर्यावरण में पहुँचावल जा रहल खराब परभाव वाली चीजन खातिर होखे ला।[२] ई प्रदूषक सभ ठोस, द्रव चाहे गैस के रूप में पदार्थ हो सके ला चाहे गर्मी इत्यादि के रूप में एनर्जी हो सके ले; बस अगर प्रदूषक तत्व के पर्यावरण में एतना तेजी से प्रवेश हो रहल बा कि ऊ प्राकृतिक रूप से गैर-नोकसानदेह रूप में बदल जाय चाहे छितरा जाय, तब ऊ प्रदूषण कहल जाई।[२]

प्रदूषण क कई गो प्रकार हो सकेला। आमतौर पर पर्यावरण की जवनी अंग में प्रदूषक चीज क प्रवेश होला ओही की नाँव पर ओ प्रकार का भी नाँव रखल जाला। जइसे अगर पानी में कौनो कूड़ा-कचरा फेकला से पानी क गुणवत्ता खराब होखे त ए के जल प्रदूषण कहल जाई।

एही प्रकार से वायु प्रदूषणमिट्टी प्रदूषण क नाँव धराइल बा। कई बेर जवनी चीज से प्रदूषण होला ओहू की नाँव पर प्रदूषण की प्रकार क नाँव धरा जाला जइसे कि आवाज से होखे वाला प्रदूषण के आवाज प्रदूषण आ प्रकाश से होखे वाला के प्रकाश प्रदूषण कहल जाला।

प्रदूषण से मनुष्य की स्वास्थ पर बहुत तरह क बुरा प्रभाव पड़ेला। हाले में विश्व स्वास्थ्य संगठन की एगो आकलन की हिसाब से साल 2012 में वायु प्रदूषण की कारण करीब 70 लाख लोगन के आपन जान गंवावे के पड़ल।[३]

इतिहास

प्रदूषण के सुरुआत आदमी के द्वारा एकट्ठा हो के एक जगह रहे के एकदम सुरुआती दौर से शुरू होला, जबसे मनुष्य झुंड में बस्ती बना के रहे शुरू कइल; आखिर आजो बिबिध अध्ययन में अइसन पुराना बस्ती सभ के ओही सभ चीजन से पहिचान कइल जाला जे ओह जमाना के आबादी द्वारा कबाड़ के रूप में छोड़ल गइल।[२] हालाँकि, प्रदूषण तबतक ले कौनों समस्या ना रहल जबतक के हर ब्यक्ति के लगे निवास करे खातिर पर्याप्त जगह रहे। मूल रूप से कोइला के इस्तेमाल आ शहरीकरण से एह समस्या के सुरुआत दर्ज कइल जाला; भले ऊ हजार दू हजार साल पुरान शहर सभ होखें। धातु पघिलावे के काम में भट्ठी के इस्तेमाल से प्रदूषण के उदाहरण बहुत पुराना समय के सभ्यता सभ में मिले ला।

बाद के प्रदूषण मुख्य रूप से उद्योग क्रांति के बाद के समस्या हवे। बिबिध किसिम के उद्योग सभ में कोइला के इस्तेमाल से उपजे वाला धुँआ आ एह उद्योग सभ से निकले वाला कचरा प्रदूषण के सभसे प्रमुख वजह बनल।

प्रकार चाहे रूप

मांट्रियल की एगो नहर में कूड़ा-कचरा

प्रदूषण के बर्गीकरण कई आधार पर कइल जा सके ला आ एकरा के कई प्रकार में बाँटल जा सके ला। पर्यावरण भा इकोसिस्टम के कवन अंग में प्रदूषक तत्व प्रवेश का रहल बाड़ें एह आधार पर, प्रदूषक तत्व के आधार पर, भा मनुष्य के ओह कामकाज के आधार पर जवना से प्रदूषण हो रहल बा, ई कुछ अइसन आधार बाड़ें जिन्हन के हिसाब से बाँट के प्रदूषण के प्रकार बतावल जाला। नीचे ई संछेप में दिहल गइल बा:

पर्यावरण के अंग अनुसार

हवा प्रदूषण

पृथ्वी के वायुमंडल में मौजूद हवा के गुणवत्ता सगरी जीवधारी सभ आ इकोसिस्टम के सही से संचालन खाती बहुत महत्व के चीज बा। अगर हवा में प्रदूषक तत्व के प्रवेश होखे आ ओह कारण से हवा के गुणवत्ता में कमी आवे, एकर परभाव जीव-जंतु, जेह में मनुष्य भी शामिल बाड़ें, आ इकोसिस्टम के काम करे पर खराब असर डाले तब स्थिति हवा प्रदूषण होला। सभसे आम रूप धुँआ के प्रवेश से हवा के गुणवत्ता में खराबी बा।[४] चाहे ई धुँआ उद्योग सभ के चिमनी से निकले वाला होखे, डीजल-पेट्रोल से चले वाली गाड़ी सभ के होखे, खेत में बेकार डाठ जरावे से होखे। शहरीकरण आ उद्योगीकरण के कारण पूरा दुनिया में धुँआ से होखे वाला हवा प्रदूषण एगो समस्या बाटे। एकरे अलावा धूर के महीन कण इत्यादि के हवा में चहुँपे से भी हवा प्रदूषण होला।[४]

आम गैस सभ जे हवा प्रदूषण खातिर जिम्मेदार बाड़ी उनहन में कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, क्लोरोफ्ल्यूरोकार्बन (CFCs) आ नाइट्रोजन के आक्साइड बाड़ें जे उद्योग सभ आ मोटरगाड़ी आ से पैदा होखे लें। फोटोकेमिकल ओजोन आ स्मॉग के पैदाइश तब होखे ला जब नाइट्रोजन के ऑक्साइड सभ आ हाइड्रोकार्बन सभ सुरुज के रोशनी के साथे रिएक्शन करे लें। पार्टिकुलेट मैटर, या फिर महीन धूर में माइक्रोमीटर साइज PM10 से PM2.5 हवा के प्रदूषण के कारण बने ला।

हावा प्रदूषण केतना नोक्सान्देह हो सकेला एकर अंजाद एही से लगावल जा सके ला कि बिस्व स्वास्थ्य संगठन के एगो आकलन की हिसाब से साल 2012 में हावा प्रदूषण के चलते करीब 70 लाख लोगन के आपन जान गंवावे के पड़ल।[३]

जल प्रदूषण

पानी परदूषण भा जल प्रदूषण पानी के भंडार सभ में नोकसानदेह चीजन के प्रवेश से होला। नदी, झील, ताल, समुंद्र आ जमीन के नीचे के जलसोता सभ में सीधे या फिर अप्रत्यक्ष रूप से नोक्सानदेह पदार्थन के पहुँचे से उनहन में मौजूद पानी के क्वालिटी खराब हो जाला आ जिंदा जिया-जंतु आ बनस्पति सभ खातिर इस्तमाल लायक ना रह जाला।

मनुष्य के कई तरह के कामकाज सभ से पानी के क्वालिटी खराब हो सके ले। आमतौर पर शहर आ बस्ती सभ से निकले वाला गंदा पानी आसपास के नदी चाहे झील में पहुँच के ओकरा के गंदा क सके ला। शहर सभ में कई किसिम के उद्योग अइसन होलें जिनहन से गंदगी आ नोकसानदेह पदार्थ बाहर निकले लें आ पानी में छोड़ दिहल जालें। एकरे अलावा खेती में इस्तेमाल होखे वाली केमिकल वाली खाद आ बिबिध किसिम के कीटनाशक सभ अंत में बहि के पानी में पहुँचे लें आ नदी के पानी के गंदा क सके लें।

माटी प्रदूषण

माटी में मनुष्य द्वारा नोकसान देह पदार्थ छोड़े से भा कौनों अन्य तरीका से माटी के प्राकृतिक सिस्टम के खराब करे से होला। अधिकतर, ई उद्योग से निकले वाला कचड़ा आ गंदा पानी से, खेती में बहुत ढेर खाद आ कीटनाशक के इस्तमाल से आ शहरी कचड़ा के बिना शोधले फेंके से होला।

माटी में परदूषण भा कंटामिनेशन खातिर जिम्मेदार मुख्य पदार्थ सभ में पेट्रोलियम हाइड्रोकार्बन (पेट्रोलियम तेल से निकले वाला कार्बनिक पदार्थ, जइसे प्लास्टिक, पन्नी इत्यादि), कीटनाशक, आ भारी घातु के कण शामिल बाने।

समुंद्री प्रदूषण

समुंद्री प्रदूषण समुंद्र आ सागर सभ के पानी में अइसन पदार्थ के प्रवेश होला जे नोकसानदेह होखे। ई प्रदूषक तत्व सभ आम कचरा-कबाड़ हो सके ला, रासायनिक पदार्थ (केमिकल) हो सके लें, प्लास्टिक हो सके ला, खेती किसानी के इस्तेमाल के खाद आ कीटनाशक के बह के समुंद्र में पहुँचे वाला हिस्सा हो सके ला आ अउरी किसिम-किसिम के नोकसान पहुँचावे वाला चीज हो सके ला। साथे साथ कौनों जगह के समुंदरी पानी में आक्रमणकारी प्रजाति के पहुँच जाए के भी समुंद्री प्रदूषण में गिनल जा सके ला।

लगभग अस्सी प्रतिशत समुंदरी प्रदूषण जमीनी सतह से चीजन के समुंद्र में पहुँचे से होला।

प्रदूषक तत्व के आधार पर

  • ठोस कचड़ा प्रदूषण
  • शोर प्रदूषण — तेज, खराब, कर्कश आवाज जे अनचाहल होखे आ जेवना से परेशानी होखे शोर प्रदूषण हऽ।
  • प्रकाश प्रदूषण
  • रासायनिक प्रदूषण
  • रेडियोएक्टिव प्रदूषण — अइसन स्थिति हवे जब कौनों इलाका जमीन में, ठोस पदार्थ सभ में, द्रव सभ में, चाहे गैसे में रेडियोएक्टिव पदार्थ के जमाव (डिपोजीशन) होखे चाहे मौजूदगी होखे, आ ई मौजूदगी अनचाहल होखे। एह पदार्थ सभ के क्षय होला आ इनहन से खतरनाक रेडियेशन निकले ला।

मनुष्य के क्रिया के आधार प

  • कृषि प्रदूषण
  • औद्योगिक प्रदूषण

कीमत

प्रदूषण के कीमत चुकावे के पड़े ला।[५][६][७] अइसन मैन्यूफैक्चरिंग के कामकाज जे हवा प्रदूषण पैदा करे, पूरा समाज खातिर सेहत संबधी नोकसान पैदा करे ला जेकर पूरा समाज के कीमत चुकावे के पड़े ला। एह तरह के हवा के गंदगी के साफ़ करे में कीमत चुकावे के पड़े ला। अइसन मैन्यूफैक्चरिंग कामकाज में पैदा होखे वाला हवा प्रदूषण के "निगेटिव एक्सटर्नलिटी" पैदा करे ला जेकर परिभाषा ई हवे कि “जब कौनों फर्म अइसन उत्पादन करे जे ओह लोगन के नोकसान पहुँचावे जे लोग के फर्म द्वारा कौनों किसिम के कंपेनशेसन नइखे दिहल जा रहल।"[८] एकर एगो अउरी उदाहरण दिहल जा सके ला, जइसे कि कौनों कपड़ा धोवे वाली फर्म एगो इस्टील बनावे वाली फर्म के लगे होखे, इस्टील के फर्म से निकले वाली गंदगी के कारन कपड़ा धोवे वाली फर्म के बेसी खर्चा करे के पड़ी।[९]

एही तरह से प्रदूषण कौनों उत्पादन क रहे वाली फर्म के ऊपर भी कीमत देवे के जरूरत पैदा करे ला। उदाहरण खातिर अगर फर्म पर कानूनी रूप से दबाव होखे कि कम प्रदूषण करे के बाटे, अइसना में प्रदूषण कम करे के उपाय में ओह फर्म के खर्चा लागी, एकरा के अबैटमेंट कॉस्ट कहल जाला; अगर हर एक अगिला इकाई बस्तु के उत्पादन पर लागे वाली अइसन कीमत के गिनती कइल जाय तब ऊ मार्जिनल अबैटमेंट कीमत कहाई।[१०]2005 के एगो इस्टीमेट के अनुसार अमेरिका में प्रदूषण से एह तरह के रोक में लागे वाली पूँजी आ फर्म चलावे के खर्चा में एह काम के खर्चा लगभग $27 बिलियन के रहल।[११]

पर्यावरण पर परभाव

प्रशांत महासागर में बिसाल कचरा चकती

प्रदूषण पर्यावरण में कई रूप में आ ब्यापक तरीका से मौजूद बा। एकर कई किसिम के परभाव पर्यावरण पर पड़े लें:

  • बायोमैग्निफिकेशन (Biomagnification) के घटना में कई किसिम के बिसैला पदार्थ सभ (जइसे कि हैभी धातु सभ) जिया जंतु सभ के अलग-अलग भोजन स्तर (ट्राफिक लेवल) से हो के गुजर सके लें आ इनहन के घन हो के एकट्ठा होखत जाए के घटना देखे में आवे ला। मतलब ई कि निचला लेवल के जीव के शरीर में जेतना मात्रा में इनहन के होखल पावल जाला ओकरा से बेसी मात्रा में ई ओह जीव सभ के भीतर एकट्ठा हो जालें जे पहिलका जीव सभ के खालें।
  • कार्बन डाइआक्साइड के पर्यावरण में निकास से समुंद्र सभ के एसिडिटी में बढ़ती होला, एकरा चलते पृथ्वी पर समुंद्र सभ के pH मान घटत जा रहल बाटे।
  • ग्रीनहाउस गैस सभ के पर्यावरण में निकास के चलते बैस्विक गरमाव के घटना चालू बा जे पूरा पृथ्वी के इकोसिस्टम के परभावित क रहल बा।
  • आक्रमणकारी प्रजाति सभ के आ जाए से कौनों इकोसिस्टम में मूलनिवासी प्रजाति सभ के घटती हो सके ला आ एकरा चलते जीवबीबिधता में घटाव हो सके ला। अइसन हमलावर प्रजाति के पौधा सभ अइसन कचरा छोड़ सके लें जेकरा चलते ओह जगह के माटी के अंदर आ ओह पर्यावरण के अंदर रासायनिक बदलाव हो जाय।
  • नाइट्रोजन ऑक्साइड सभ बरखा के साथे बरिस के माटी के रासायनिक कंपोजीशन बदल सके लें आ एकरा चलते कौनों इकोसिस्टम के प्रजाति सभ के कंपोजीशन में बदलाव हो सके ला।
  • स्मॉग आ धुंध (हेज) के चलते सुरुज के रोशनी, घाम, के मात्रा में कमी आ सके ला जेकरा चलते पौधा सभ के आपन खाना बनावे (फोटोसिंथेसिस) के काम में कमी आ सके ला। स्मॉग आ धुंध के चलते ट्रोपोस्फीयर में ओजोन के मात्रा में बढ़ती हो सके ला आ इहो पौधा सभ के नोकसान चहुँपावे ला।
  • माटी के उपज शक्ति में कमी आ सके ला जेकरा चलते पौधा सभ के कमी आ जीव सभ के प्रजाति में कमी आ सके ला।
  • सल्फर डाइआक्साइडनाइट्रोजन ऑक्साइड के पर्यावरण में बढ़ती के चलते एसिड बरखा हो सके ला। एसिड बरखा से माटी पे pH में कमी आ सके ला।
  • पानी में जीवीय पदार्थ (ऑर्गेनिक मैटर) के प्रदूषण से एह में ऑक्सीजन के कमी हो सके ला आ एकरा कारन ओह पानी में रहे वाला जीव सभ के ऊपर खराब परभाव पड़े ला, जीव सभ के संख्या में कमी आ सके ला।

कंट्रोल

ऑस्ट्रेलिया के यारा नदी में एगो जाल जे कूड़ा-कचरा के फँसा ले ला।

प्रदूषण नियंत्रण चाहे प्रदूषण कंट्रोल शब्द के इस्तेमाल पर्यावरण के मैनेजमेंट खातिर कइल जाला जेकरा चलते प्रदूषण के कम कइल जा सके। एह में प्रदूषण फइलावे वाला चीज सभ पर रोक लगावल शामिल बा। अगर प्रदूषण कंट्रोल के उपाय न इस्तेमाल कइल जाय तब बिबिध किसिम के कचड़ा जे अतिउपभोग से, ठंढा देसन में गर्मी करे वाला उपाय सभ से, खेती में इस्तेमाल होखे वाला खाद आ कीटनाशक सभ से, खनन से, उद्योग से आ परिवहन से निकल के पर्यावरण में चहुँप जाई। एकरा चलते पर्यावरण के सेहत के नोकसान पहुँची। प्रदूषण रोकथामकचरा घटाव के उपाय सभ के सभसे बेसी महत्व दिहल जाला, हालाँकि, प्रदूषण कंट्रोल के औरी उपाय भी बाने। प्राकृतिक जमीन के कौनों किसिम के बिकास करत समय अइसन तकनीक के इस्तेमाल भी कइल जा सके ला जवना से कि जमीन के बिकास (लैंड डेवलपमेंट) के पर्यावरण पर परभाव के कम कइल जा सके।

Practices

Pollution control devices

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इहो देखल जाय

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संदर्भ

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बाहरी कड़ी

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