बिहार के संस्कृति

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बिहार क संस्कृति भोजपुरी, मैथिली, मगही तथा अंग संस्कृति क मिश्रण कहा सकेला। एइजा नगर तथा गाँव की संस्कृति में ढेर अंतर नाहीं बा। नगरो में भी लोग पारंपरिक रीति-रिवाज क पालन करेला तथा लोगन क मान्यता रुढिवादी बा।  हिंदू आ मुस्लिम लोग आपसी सहिष्णुता क परिचय देला लो लेकिन कई अवसर पर इ तनावो क रुप ले लेला। दुनुं समुदाय में विवाह के छोड़ दिहल जा त सामाजिक एवं पारिवारिक मूल्य लगभग समान बा। जैन एवं बौद्ध धर्म क जन्मस्थली होखले की बावजूद एईजा दुनुं धर्म की अनुयाईयन क संख्या कम बा। पटना सहित अन्य शहरन में सिक्ख धर्मावलंबी अच्छा संख्या में बालो।.[१]

पर्व-त्योहार

प्रमुख पर्व में छठ, होली, दिवाली, दशहरा, महाशिवरात्रि, नागपंचमी,  मुहर्रम, ईद तथा क्रिसमस एइजा मनावल जाला। सिक्ख लोगन की दसवां गुरु गोबिन्द सिंह जी क जन्म स्थली होखले की कारण पटना में उनकी जयन्ती प भारी श्रद्धार्पण देखे के मिलेला।

शादी-ब्याह तथा गीत संगीत

शादी विवाह की दौरान प्रदेश क सांस्कृतिक प्रचुरता स्पष्ट हो जाला। जातिगत आग्रह की चलते शत-प्रतिशत शादी माता-पिता चाहें रिश्तेदारन द्वारा तय परिवार में ही होला। शादी में बारात तथा जश्न क सीमा समुदाय तथा ओकर आर्थिक स्थिति पर निर्भर करेला। लगभग सब जाति में एइजा दहेज़ का चलन महामारी के रुप में लउकेला। कई जातिन में विवाह की दौरान शराब और नाच क प्रचलन खूब देखे के मिलेला।

लोकगीत गईले क प्रचलन लगभग सब समुदाय में बा। लोक संगीत कईगो पारिवारिक समारोह जइसे की शादी-ब्याह, जन्मदिन वगैरह में गावल जाला। आधुनिक तथा पुराना फिल्म संगीतो ए कुल समारोह में सुनाई देला। शादी की दौरान एइजा शहनाई बाजल आम बात ह। ए वाद्ययंत्र के लोकप्रिय बनवले में बिस्मिल्ला खान का नांव सर्वोपरि बा, उन क जन्म बिहारे में भइल रहे।[२]

खानपान

बिहार अपनी खानपान की विविधता खातिर प्रसिद्ध बा। शाकाहारी तथा मांसाहारी दुनु व्यंजन एइजा की लोगन क पसंद ह। मिठाईयन की विभिन्न किस्म की अलावा अनरसा क गोली, खाजा, मोतीचूर का लड्डू, तिलकुट एईजा क खास पसंद ह। सत्तू, चूड़ा-दही और लिट्टी-चोखा जइसन स्थानीय व्यंजन त एइजा की लोगन क कमजोरी ह। सबेरे नाश्ता में चुडा-दही चाहें पुड़ी-जिलेबी खूब खाईल जाला एइजा। दिन में चावल-दाल-सब्जी फेर रात में रोटी-सब्जी सामान्य भोजन ह।

जातिवाद

जातिवाद बिहार की राजनीति तथा आमजीवन क अभिन्न अंग रहल बा। वर्तमान में त काफी हद ले इ भेदभाव कम हो गईल बा फेर भी चुनाव की समय में जातीय समीकरण एवं जोड़-तोड़ हर जगह लउकेला।

खेलकूद एवं मनोरंजन

भारत के कई और जगहन की नियर  क्रिकेट  एहुजा क सर्वाधिक लोकप्रिय खेल ह। एकरी अलावा फुटबॉल, हाकी, टेनिस और गोल्फ भी पसन्द कइल जाला। बिहार का अधिकांश हिस्सा ग्रामीण होखले की कारण पारंपरिक भारतीय खेल जइसे कबड्डी, गिल्ली डंडा, गुल्ली (कंचे) बहुत लोकप्रिय बान स।

बिहार की शहर, कस्बा तथा गाँव में फिल्मन क लोकप्रियता बहुत अधिक बा। मुख्य धारा क हिंदी फिल्मन की अलावा भोजपुरीओ फिल्म आपन धाक जमवले बाड़ी स। मैथिली तथा अन्य स्थानीय सिनेमा भी लोकप्रिय बा। उच्चस्तरीय पसंद वाला लोग नृत्य, नाटकीय मंचन चाहें चित्रकला में आपन योगदान दिहल पसंद करेला लो, वहीं अशिक्षित चाहें अर्धशिक्षित लोग ताश या जुआ खेलके आपन समय काटेला लो।

संदर्भ