सिवान जिला
टेम्पलेट:Other टेम्पलेट:India Districts सिवान जिला भारत के राज्य बिहार के कइयन जिला में से एक ह। सिवान शहर सिवान जिला के शासकिय मुख्यालय ह। 1972 से सिवान जिला सारण प्रमंडल के हिस्सा बा। सिवान जिला विशेष रूप से स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद खातिर जानल जाला जे एही जिला की गाँव जीरादेई से ताल्लुक रखत रहनी ह।[१] इ जिला अलीगंज सावन के नाम से भी जानल जायेला जौन अली बख्श के नाम के बाद पड़ल।
इतिहास
सिवान जिला राज्य में उत्तरी-पश्चिम क्षेत्र में स्थित बा, इ पहिले मूलतः सारण जिला के उप-मण्डल रहल, जौन प्राचीन काल में कोसल राजतंत्र के हिस्सा रहल।[२] सिवान पूर्ण रूप से तब जिला बन के सामने आइल जब इ के 1976 में सारण जिला से काट के अलग करल गइल।[३]
सिवान नाम "शिव मान" से पड़ल जे अहिजा के राजा रहन, जिनके शासन अहिजा रहल बाबर के अईला से पहिले। महाराजगंज, जौन इ जिला के प्रखण्ड ह शायद ओहिजा के महाराजा के चलते पड़ल। हाल में भइल एगो खुदाई में अहिजा के एगो गाँव भेरबनिया में एगो पेड़ के निचे मिलल भगवान विष्णु के मूर्ति से इ साबित होत बा कि अहिजा भगवान विष्णु के माने वाला लोग बहुत अधिक संख्या में रहलें। गोरखा के राजा आपन राज्य के विस्तार सिवान जिला तक कइले रहलन कुछ साल तक, 1790 ई0 में अंग्रेजन के इ क्षेत्र में अईला से पहिले। इ नेपाल के सीमा के करीब होखला के चलते भी इ सिमान चाहे सिवान कहल जात रहल। बाद में इ क्षेत्र पर यादव आ राजपूत के अधिपत्य रहल। [४]
सिवान 8 वीं शताब्दी में बनारस राज के हिस्सा रहल। मुस्लिम अहिजा 13 वीं शताब्दी में अईले। सिकंदर लोदी 15 वीं शताब्दी में आपन अधिन कइले। बाबर जब यात्रा से लौटत रहलें तब सिसवां के भिरी घाघरा नदी पार कइले। 17 वीं शताब्दी के अंत में डच अहिजा अंग्रेज के पीछा करत करत आइल रहलें जा। 1765 के बक्सर के लड़ाई के बाद इ क्षेत्र बंगाल के एगो हिस्सा बन के रह गइल। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में सिवान एगो अहम भूमिका निभइले रहे। इ दिग्गज आ बरियार भोज-पूरीयन खातिर भी प्रसिद्ध बा, जे हमेशा आपन मार्शल भावना आ शारीरक सहन शक्ति खातिर उल्लेखिल कइल जात रहले जा आ जहाँ से सेना आ पुलिस कर्मी लोग बड़ी मात्रा में ट्रेनिंग लेके भर्ती होत रहलें जा। जे में से अच्छा संख्या में लोग बागी भइले आ बाबु कुंवर सिंह के सेवा में समर्पित हो गइले। श्री ब्रज किशोर प्रसाद जे सिवान के रहलन 1920 में गैर सहकारी आन्दोलन के प्रतिक्रिया में बिहार में पर्दा विरोधी संग्राम चालू कइले रहलन।[२]
इतिहासी स्थान
- कोरारा
मैरवा ब्लॉक के एक गावँ, जौन मैरवा धाम से 2 किमी दक्षिण में स्थित बा। इहाँ सिवान के प्रथम साईं मंदिर बा जौन भगवान शिव आ माता दुर्गा के सटले बा। अहिजा हर साल अगस्त में वार्षिकोत्सव मनावल जायेला।
- दोन
दरौली ब्लॉक में एगो गाँव बा, जहाँ एगो किला के अवशेष बचल बा, कहल जयेला की इ का संबंध महाभारत के प्रसिद्ध पात्र आचार्य द्रोणाचार्य से बा जे कौरव आ पांडव दुनो के गुरु रहनी। दोन के स्तूप तनिक कम प्रसिद्ध बा लेकिन बुद्ध धर्मावलम्बियन खातिर महत्वपूर्ण तीर्थ बा। बुद्ध धर्मावलम्बी ह्यून त्सांग एक पुस्तक में उल्लेख करते हुए लिखले बानी की जब उहाँ के भारत यात्रा पर आइल रहनी त दोन में भी पधारले रहनी। वर्तमान में दोन में एगो छोट हरियाली युक्त पहाड़ बा, जेकरा ऊपर एगो हिन्दू मंदिर बा, जहाँ देवी तारा के एगो सुन्दर मूर्ति स्थापित बा, जिनके हिन्दू देवी के रूप में पूजा कइल जयेला। इ मूर्ति के 9 वीं शताब्दी में ढालल गइल रहल।
- महाराजगंज
जौन अब इ ब्लॉक के मुख्यालय ह, बस्नौली गंगर के नाम से भी जानल जयेला। इ जिला के सबसे बड़ बाजार के रूप में बा। इहे उ जगह ह जहाँ से स्वतंत्रता सेनानी श्री फुलेना प्रसाद भारतीय स्वतंत्रता खातिर लड़ले रहनी, एही भूमि पर उहाँ के आपन रणनीति तैयार कर के अंग्रेजन के साथ लड़ल रहनी।
- महेन्द्रनाथ
सिसवां ब्लॉक में एगो गाँव बा जौन महेन्द्रनाथ या मेंहदार नाम से जानल जयेला। अहिजा भगवान शिव आ विश्वकर्मा जी के मंदिर स्थित बा जहाँ बड़ी संख्या में भक्तजन लोग शिवरात्रि आ विश्वकर्मा दिवस के दिन दर्शन खातिर जायेला। इ आपन मंदिर खातिर प्रसिद्ध बा जहाँ 52 बीघा में एगो पोखर बा। कहल जायेला की नेपाल के राजा महेंद्र के कोढ़ फूटल रहे आ उ आपन एगो यात्रा के दौरान अहिजा से गुजरत रहलन। यात्रा के दौरान उ अहिजा एगो छोट गड्ढा में थोडा सा कीचड़युक्त पानी छुवले आ उनकर कोढ़ खत्म हो गइल जे से खुश होके उ अहिजा शिव के मंदिर बनवइले आ उ छोट गड्ढा के बहुत बड़ पोखर में परिवर्तन करवइले। एही से इ जगह के महेन्द्रनाथ कहाय लागल। गाँव के लोग इ के मेहदार कहे लागल।
- भीखाबांध
महाराजगंज ब्लॉक में एगो गाँव बा, जहाँ एगो खुब बड़हन पेड़ बा, ओ पेड़ के नीचे भैया-बहिनी मंदिर स्थित बा। कहल जायेला की इ भाई आ बहिन 14 वीं शताब्दी में मुग़ल सिपाही से लड़ गइल रहे लोग आ लड़ाई करत करत दुनो भाई बहिन के अहिजा मृत्यु हो गइल रहल। [५]
- सोहागरा
गुठनी ब्लॉक में एगो जगह बा, ओहिजा भगवान शिव (हंसनाथ बाबा) के एगो प्रसिद्ध मंदिर बा, सिवान मुख्यालय से 40 किमी दुरी पर बा इ मंदिर जौन उत्तर प्रदेश के देवरिया जिला के सीमा पर पड़ेला।[६]
भूगोल
सिवान जिला के क्षेत्रफल 2219 km2 बा,[७] तुलनात्मक रूप में देखल जाव त रूस के विलजेक लैंड के बराबर बा।[८]
सिवान जिला उत्तरी गंगा के मैदान में स्थित एक समतल भू-भाग ह। जिला के विस्तार 25053' से 260 23' उत्तरी अक्षांस तथा 840 1' से 840 47' पूर्वी देशांतर के बीच बा। नदियन द्वारा जमा करल गइल माटी की गहराई 5000 फीट तक बा। मैदानी भाग का ढाल उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर बा। निचला मैदान में जलजमाव के कई गो क्षेत्र बा जौन चौर कहल जायेला। अहिजा से कई गो छोट नदी या 'सोता' भी निकलेला। मुख्य नदी घाघरा बा जेके किनारे दरारा निर्मित बा। इ खास भूगोलीय बनावट में बालू के मोट परत पर मृत्रिका आ सिल्ट की पतली परत पावल जायेला। सिवान की माटी खादर (नयी जलोढ) एवं बांगर (पुरानी जलोढ) के बीच की ह। खादर माटी के अहिजा दोमट तथा बांगर के बलसुंदरी कहल जायेला। बलसुंदरी माटी में कंकर की मात्रा पावल जायेला। कई जगहन पर गंधकयुक्त माटी मिलेला जहाँ से कभी साल्टपीटर निकालल जात रहल। अंगरेजी शासन में अहिजा इ के उद्योग होखल करत रहल लेकिन अब इ गायब हो चुकल बा। [९]
- नदियाँ: गंडकी एवं घाघरा अहिजा के प्रमुख नदी ह। घाघरा नदी जिला की दक्षिणी सीमा पर बहे वाली सदावाही नदी ह। इ के अलावा झरही, दाहा, धमती, सिआही, निकारी आ सोना जैसन छोट नदियाँ कुलों बा। झरही आ दाहा घाघरा के सहायक ह जबकि गंडकी आ धमती गंडक में जा मिलेले।
- जलवायु
सिवान में उत्तर प्रदेश आ पश्चिम बंगाल के बीच की जलवायु पावल जायेला। मार्च से मई के बीच अहिजा चलेवालि पछुआ पवनन के चलते मौसम शुष्क रहेला लेकिन कई बार शाम में चलेवाली पुरवाई हवा आर्द्रता ले आवेला जे से उत्तर प्रदेश से चले वाली धूलभरल आँधी के विराम लग जायेला। गर्मियन में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जायेला आ लू के चलना इ दिनन साधारण बात बा। जाड़ के मौसम सुहावना होखेला किंतु कई बार शीत लहर का प्रकोप भी रहेला। जुलाई-अगस्त में होखे वाला मॉनसूनी वर्षा के अलावे पश्चिमी अवदाब से जाड़ा में भी बारिस होखल सामान्य बात बा। औसत वार्षिक वर्षा 120 सेंटीमीटर होखेला।
प्रशासनिक विभाग
सिवान जिला 2 अनुमंडल अउर 19 प्रखंड में बँटल बा। एगो प्रखंड में बहुतेरे गाँव या एगो नगरपालिका हो सकत बा। 19 ओ प्रखंड में मिला के 1528 गांव आ 3 गो नगरपालिका बाड़ी सन।
अनुमंडल अउर ब्लॉक
अनुमंडल | ब्लॉक | क्षेत्रफल (किमी²) | जनसंख्या (2011) |
---|---|---|---|
2 | 19 | 2,219 | 33,30,464 |
सिवान | सिवान | 137.34 | 3,40,983 |
सिवान | आन्दर | 120.41 | 1,10,027 |
सिवान | बड़हरिया | 177.27 | 3,21,292 |
सिवान | दरौली | 172.80 | 1,74,357 |
सिवान | गुठनी | 91.70 | 1,28,155 |
सिवान | हसनपुरा | 96.56 | 1,49,580 |
सिवान | हुसैनगंज | 85.37 | 1,82,794 |
सिवान | मैरवा | 69.17 | 1,13,499 |
सिवान | नौतन | 65.39 | 90,714 |
सिवान | सिवान | 124.33 | 2,01,759 |
सिवान | रघुनाथपुर | 156.03 | 1,57,694 |
सिवान | सिसवाँ | 115.78 | 1,53,953 |
सिवान | जीरादेई | 124.03 | 1,63,752 |
महाराजगंज | लकरी नबीगंज | 95.21 | 1,28,899 |
महाराजगंज | गोरेयाकोठी | 138 | 2,23,709 |
महाराजगंज | बसंतपुर | 62.22 | 1,05,229 |
महाराजगंज | भगवानपुर हाट | 149.40 | 2,20,651 |
महाराजगंज | महाराजगंज | 115.48 | 1,90,217 |
महाराजगंज | दरौंधा | 126.60 | 1,73,200 |
नगरपालिका
नगरपालिका | प्रकार | ब्लॉक | क्षेत्रफल (किमी²) | जनसंख्या (2011) |
---|---|---|---|---|
सिवान | नगर परिषद | सिवान | 13.05 | 1,35,66 |
मैरवा | नगर पंचायत | मैरवा | 6.23 | 23,565 |
महाराजगंज | नगर पंचायत | महाराजगंज | 7.60 | 24,282 |