सुनामी

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हिंद महासागर में 2004 के सुनामी के समय थाईलैंड में एक जगह किनारा पर लिहल फोटो

सुनामी (टेम्पलेट:Lang-ja, "बंदरगाही लहर";[१], टेम्पलेट:Lang-en, अंगरेजी उच्चारण: टेम्पलेट:IPAc-en[२]) आमतौर पर समुंद्र भा बड़हन झील या फिर कौनो भी बड़हन जलभंडार में पानी के बिसाल मात्रा के अपना जगह से अचानक घसक जाए के कारन उठे वाली बिसाल लहर सभ हईं।[३] भूडोल, ज्वालामुखी बिस्फोट, भा अन्य कवनो तरीका के बिस्फोट (जेह में पानी के नीचे परमाणु परीक्षण भी शामिल बा), भूस्खलन, ग्लेशियर टूटे, या उल्का गिरे के कारण जब पानी के बहुत बड़हन मात्रा अचानक अपना जगह से घसके भा हिलेडुले ले, सुनामी लहरन के उत्पत्ती के कारन बन सके ला।[४] पानी के बिसाल भंडार सभ में सामान्य रूप से उठे वाली लहर हवा के कारण होलीं या फिर ज्वार-भाटा के कारण जबकि सुनामी लहर सभ पानी के अचानक हिलडुल के कारण उठे लीं।

सुनामी लहर सभ आम समुंदरी धारा भा लहर नियन ना होलीं। इनहन के वेवलेंथ बहुत ढेर होला।[५] एही कारण टूटत लहर के रूप में देखाई पड़े के बजाय सुनामी के लहर तेजी से बढ़त ज्वार नियर भी मालुम पड़ सके ले जबकि इनहन के ज्वार-भाटा से कवनो जुड़ाव ना होला। सुनामी कवनो एक ठो लहर भी ना होला बलुक एह में एक के बाद एक कई लहर आवे लीं आ इनहन के किनारा से टकरा के जमीनी हिस्सा ले चढ़े के कार्यक्रम कुछ मिनट से ले के कुछ घंटा तक ले भी चल सके ला।[६] अगर सुनामी के मूल कारण वाली घटना बड़हन होखे तब 10 मीटर से ढेर ऊँच लहरन के लड़ी पैदा हो सके ला। जद्यपि कि सुनामी के घटना के परभाव आमतौर पर समुंद्र भा झील के किनारा के इलाका के ऊपर पड़े ला, इनहन के बिनासकारी रूप बहुत बिसाल आ भयंकर भी हो सके ला पूरा समुंद्री बेसिन इनहन से परभावित हो सके ला। साल 2004 में हिंद महासागर में आइल सुनामी मानव इतिहास के सभसे बड़ आफत-बिपत में से एक रहल जेह के कारन हिंद महासागर के किनारे मौजूद 14 गो देसन के कम से कम 2,30,000 लोग मुअल भा निपाता भइल।

संदर्भ

टेम्पलेट:Reflist

टेम्पलेट:Natural disasters