पटना

भारतपीडिया से
Jump to navigation Jump to search

टेम्पलेट:Infobox settlement पटना (टेम्पलेट:Lang-ur ) भारत में बिहार प्रान्त क राजधानी ह। पटना क प्राचीन नाँव पाटलिपुत्र रहे। आधुनिक पटना दुनिया की कुछ अइसन गिनल-चुनल प्रचीन नगरन में से बा जेवन बहुत प्राचीन काल से आज ले आबाद बाड़ें। अपने आप में ए शहर क बहुत इतिहासी महत्व बाटे।

मेगस्थनीज (350 ई॰पू॰-290 ई॰पू॰) अपनी भारत भ्रमण की बाद लिखल पुस्तक इंडिका में ए नगर क उल्लेख पलिबोथ्रा (पाटलिपुत्र) की रूप में कइलें जेवन गंगा अउरी अरेन्नोवास (सोनभद्र-हिरण्यवाह) की संगम पर बसल रहे। ओ पुस्तक की आकलन की हिसाब से प्राचीन पटना (पलिबोथा) 9 मील (14.5 कि.मी.) लम्बा तथा 1.75 मील (2.8 कि.मी.) चौड़ा रहल होई।

आधुनिक पटना बिहार राज्य क राजधानी ह आ गंगा नदी की दक्षिणी किनारा पर अवस्थित बा। सोलह लाख (16,00,000) से अधिक आवादी वाला ई शहर, लगभग 15 कि.मी. लम्बा आ 7 कि.मी. चौड़ा बाटे।

प्राचीन बौद्ध आ जैन तीर्थस्थल वैशाली, राजगीर या राजगृह, नालन्दा, बोधगया अउरी पावापुरी पटना शहर की आसे-पास बाड़ें। पटना सिक्ख लोगन खातिर पवित्र अस्थान हवे। सिक्ख लोगन क 10वें आ अंतिम गुरु गुरू गोबिंद सिंह क जन्म एहिजा भइल रहे| हर बरिस देश-विदेश से लाखन गो सिक्ख श्रद्धालु पटना में हरमंदिर साहब क दर्शन करे आवेला लोग आ मत्था टेकेला लोग।

एतिहासिक आ प्रशासनिक महत्व की अलावा पटना शिक्षा आ चिकित्सा क भी प्रमुख केंद्र हवे। देवारिन से घिरल नगर क पुराना क्षेत्र, जेवना के पटना सिटी कहल जाला अगो प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र हवे।

पूर्वी भारत में कोलकाता की बाद पटना दूसर सबसे बड़ शहर ह। 2011 में 16 लाख से ज्यादा आबादी की साथ ही भारत क 19वां सबसे बड़ शहर रहे। एईजा पटना हाई कोर्ट आइल बा।

2009 में वर्ल्ड बैंक पटना के भारत में नया व्यवसाय कईले की मामला में­ दिल्ली की बाद एके नंबर 2 देले रहे।

ए शहर क नांव वक्त गुजरले की साथ बदल गईल। ई भारत क प्राचीन शहरन में से एगो ह, पटना की आधुनिक नांव की साथ कईगो किवंदती जुडल बा, जैसे की,

  • ई पाटन देवी जे हिन्दू लोगन क देवी कहाली की नांव पर से पड़ल बा।[१]
  • कई अदमी माने ला की पटना नांव एगो पाटली नांव की पेड़ की प्राजाति पर से पड़ल बा, इ पेड़ ए एतिहासिक शहर में ढेर देखे के मिलेला।
  • इ शहर एकरी 2000 साल की जीवंत इतिहास में कईगो नांव से जानल गईल जैसे की, पाटलीग्राम, पाटलीपुत्र, कुसुमापुरा, कुसुमध्वजा पुष्पापुरम, पद्मावती, अजीमाबाद और अब पटना।[२][३]

प्राचीन काल

पटना क महत्व शोभा 490 ई॰पू॰[४][५] सामने आइल जब अजातशत्रु, जे मगध क राजा रहन, वैशाली की लिच्छवी समुदाय पर युद्ध में फायदा खातिर आपन राजधानी पहाड़ी राजगढ़ (अब राजगीर) से एगो रणनीतिक रूप से फायदा वाला जगह पर ले जईले क तय कईन। गौतम बुद्ध अपनी जीवन की आखिरी बरस में ए जगह पर यात्रा कईलें रहन ऐसन कहल जाला।

मौर्यकाल

मेगास्थिनस एगो ग्रीक इतिहासकार जवन की चन्द्रगुप्त मौर्य की दरबार में राजदूत रहे, ए शहर क एगो प्राचीन विवरण दिहले बा। उ लिखेला की ई शहर गंगा आ सोनभद्र की संगम तट प बसल रहे, आ 14 किमी लम्बा आ 2.82 किमी चौड़ा रहे। मेगास्थिनस ए शहर के भारत की सफलतम समय में धरती क एगो महान शहर बतवले रहे। बाद में इ शहर शुंगा समुदाय की हाथ में गईल जे पाटलिपुत्र प 100 वरस ले राज कईने।

गुप्ता आ मुग़ल काल

आगे की सालन में, कई शासक ए देश पर राज कईने जवने में गुप्ता और पाला राजा रहें। गुप्ता शासकन से अलग होखले की बाद पटना एगो अनिश्चित समय से गुजरल। बख्तियार खिलजी 12वीं सदी में बिहार प कब्ज़ा क लिहने और एइजा क कई कईगो प्राचीनतम शिक्षा केंद्र के तबाह क दिहने, नतीजतन पटना क राजनितिक और सांस्कृतिक केंद्र होखले क गर्व बिला गईल।

मध्यकाल में पठान सम्राट शेरशाह सूरी क राज इतिहास में यादगार मनाला, ए समय में पटना क ख़ूब विकास भइल।

ब्रिटिश काल

17वीं सदी में पटना अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार क केंद्र बन गईल रहे।1620 में अंग्रेज़ी ईस्ट इंडिया कम्पनी कैलिको और रेशम क व्यापार करे खातिर पटना में एगो कारखाना स्थापित कईलस। बहुत जल्द ई शोरा क व्यापार केंद्र बन गईल रहे।

1912 में बंगाल विभाजन की समय, पटना बिहार और उड़ीसा में ब्रिटीश राज क राजधानी बनल।

भारत क आजादी आन्दोलन

आजादी आन्दोलन में पटना क लोग बहुत अधिक संख्या में भाग लिहलें। एमें सबसे ज्यादा स्मरणीय चम्पारण और 1942 भारत छोड़ो आन्दोलन रहल। ई शहर कईगो राष्टीय नेता दिहलस, जैसे की स्वामी सहजानंद सरस्वती, पहिला राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्रप्रसाद, लोकनायक जयप्रकाश नारायण इत्यादि।

आजादी की बाद

1947 में भारत की आजादी की बाद पटना बिहार क राजधानी बनल रहल, यहाँ तक की सन 2000 में झारखंड बिहार से अलग होके अलग राज्य बन गईल तबो भी।

शिक्षा

पटना कॉलेज

इहो देखल जाय

नोट


संदर्भ

टेम्पलेट:Reflist