गोरखपुर जिला

भारतपीडिया से
Jump to navigation Jump to search

टेम्पलेट:About टेम्पलेट:India Districts गोरखपुर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के उत्तरी पूरबी हिस्सा मे एगो जिला बा। एकर मुखयालय गोरखपुर शहर हवे आ ई अपनहीं नाँव के मंडल मे आवे ला। जिला के नाँव नाथ संप्रदाय के संत बाबा गोरखनाथ के नाँव पर पड़ल हवे। एह जिला के कुल रकबा टेम्पलेट:Convert बाटे आ 2011 में जिला के कुल जनसंख्या 4,440,895 रहल।

जिला से हो के बहे वाली प्रमुख नदी राप्ती नदी हवे। रामगढ़ ताल, गोरखनाथ मंदिर, सरदार नगर मिल, गोरखपुर विश्वविद्यालय आ गोरखपुर एयर फोर्स बेस एह जिला के मुख्य पहिचान बाड़ें।

इतिहास

नाँव

गोरखपुर जिला के नाँव एही नाँव के शहर के अधार पर पड़ल हवे जे एह जिला के मुख्यालय हवे। खुद गोरखपुर शहर के नाँव एगो संत बाबा गोरखनाथ के नाँव पर धराइल हऽ जे नाथ संप्रदाय के सभसे प्रमुख संत रहलें। गोरखपुर शहर में बाबा गोरखनाथ के मंदिर आ मठ बाटे आ ई एह शहर आ जिला के खास पहिचान भी हवे। गोरखनाथ के संस्कृत नाँव गोरक्षनाथ रहे जेकर देसी भाषा में रूप बदल के गोरखनाथ भ गइल। कथा के मोताबिक ई नाथ संप्रदाय के पहिला संस्थापक मछेंदरनाथ (संस्कृत: मत्स्येन्द्रनाथ) के चेला रहलें। एह इलाका में अउरियो कई गो अइसन मठ आ समाधी अस्थापित बाड़ें जे एह नाथ संप्रदाय से जुड़ल हवें।

प्रशासनिक इतिहास

आधुनिक काल में, सन 1801 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा एह इलाका के अधिकार अवध के नबाब से हासिल कइल गइल आ गोरखपुर जिला के अस्थापना भइल। एह नाया बनल जिला के पहिला कलेक्टर मिस्टर रूल्टेज बनलें।[१] साल 1829 में गोरखपुर शहर के नाया बनल कमिश्नरी, अब इनहन के मंडल कहल जाला, के मुख्यालय बनावल गइल आ एकर नाँव गोरखपुर कमिश्नरी रखाइल। ओह समय एह कमिश्नरी में तत्कालीन गोरखपुर जिला (वर्तमान में ई इलाका कई जिला में बिभाजित भ गइल बा: बस्ती, महाराजगंज, देवरिया आ कुशीनगर जिला पहिले सभ एकही में रहलें), तत्कालीन आजमगढ़ जिला (वर्तमान में आजमगढ़ आ मऊ) आ गाजीपुर जिला (वर्तमान में गाजीपुर आ बलियाँ) सामिल रहलें।

साल 1865 में गोरखपुर जिला के पहिला बिभाजन भइल आ बस्ती नाया जिला बनल। बाकी बचल गोरखपुर जिला से 1946 में देवरिया (वर्तमान देवरिया जिलाकुशीनगर जिला) आ 1989 में महाराजगंज जिला बनलें।

भूगोल

लोकेशन आ बिस्तार

गोरखपुर जिला भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के सभसे पूरबी-उत्तरी हिस्सा में पड़े ला आ देवरिया-कुशीनगर के अलगा से जिला बने से पहिले ई एह राज्य पूरबी-उत्तरी कोन के अंतिम सीमा तक बिस्तार वाला जिला रहल। वर्तमान जिला के भूगोलीय लोकेशन, हाल के गूगल नक्शा पर नापल आँकड़ा[२] अनुसार, 26° 13′ 41″ से 27° 06′ 52″ N अक्षांस, आ 83° 04′ 47″ से 83° 40′ 22″ E पूरबी देशांतर के बीच बा। एकर आकृति लगभग चौखुंटा बाटे आ कुल रकबा (एरिया) टेम्पलेट:Convert बाटे।[३]

जिला के उत्तर में महाराजगंज जिला, पूरुब में कुशीनगर आ देवरिया जिला, दक्खिन में मऊ, आजमगढ़ आ अंबेडकर नगर जिला (पूरुब से पच्छिम क्रम में), आ पच्छिम में संत कबीर नगर जिला आ सिद्धार्थ नगर जिला बाड़ें। जिला के दक्खिनी सीमा घाघरा नदी से बने ले; पूरुब में कुछ दूर तक एकर सीमा राप्ती नदी से बने ले।

थलरूप आ भूबिज्ञान

पूरा जिला, भूगोलीय रूप से गंगा के मैदान के हिस्सा हवे। ई इलाका हिमालय परबत के दक्खिन के तराई के इलाका में पड़े ला या फिर तराई के दक्खिनी मैदानी हिस्सा में पड़े ला। भूबिज्ञान के हिसाब से ई पुराना जमाना के टीथीज सागर के हिमालय के उत्पत्ती के बाद बचल छाड़न वाला सागर में हिमालय से नद्दी सभ द्वारा ले आइल अवसाद (बालू-माटी-गाद) के गला करे से बनल हवे। एही कारन बहुत गहिराई तक ले इहाँ अल्यूवियम (पानी से बहा के ले आइल अवसाद) मिले ला आ कड़ेर बेडरॉक बहुत नीचे कहीं मौजूद बा।

भूआकृति बिज्ञान के हिसाब से, बड़हन पैमाना पर ई नदी के मैदान वाला इलाका हवे आ सूछ्म स्तर पर देखल जाय तब बाँगर, खादर, नदी के छाड़न, छाड़न झील, प्राकृतिक तटबंधा आ ताल (झील) पावल जालें। जिला के औसत ढाल उत्तर-पच्छिम से दक्खिन-पूरुब के ओर हवे आ राप्ती नदी जिला के सभसे प्रमुख नदी हऽ जेकरे किनारे गोरखपुर शहर भी बसल बा। ई इलाका बहुत उच्चावच (रेलीफ़), मने कि जमीन के सभसे ऊँच आ नीचाई वाला हिस्सा के बीच के अंतर, वाला ना हवे आ ढाल बहुत मद्धिम हवे। एही कारण बरसात के सीजन में इहाँ के ज्यादातर नदी सभ में पानी बढ़े पर नदी के किनारे के दूर तक ले के इलाका पानी में बूड़ जाला नया अल्यूवियम के परत जमा होखे ले।

जलवायु

गोरखपुर जिला में, मौसम के बेध करे वाला अस्थान एह जिला के मुख्यालय गोरखपुर बा जहाँ के आँकड़ा पूरा जिला खातिर प्रतिनिधि के रूप में देखल जा सके ला। एह जिला के जलवायु कोपेन के बर्गीकरण के हिसाब से Cwa प्रकार के हवे। सभसे गरम महीना मई आ सभसे ठंढा महीना जनवरी होला। सुरुआती जून से ले के सितंबर ले बरसात के सीजन होला आ मानसूनी बरखा होखे ले। जाड़ा में कोहरा आ गरमी में लूह से जनजीवन परभावित होला।

टेम्पलेट:Weather box

जनसंख्या

टेम्पलेट:Bar box साल 2011 के जनगणना अनुसार, गोरखपुर जिला के कुल जनसंख्या 4,440,895 रहल[४] आ ई यूरोपियन देस क्रोएशिया के लगभग बरोबर बा[५] या अमेरिका के केंचुकी राज्य[६] के बरोबर बा। एकरे आधार पर तुलना कइल जाय तब भारत के जिला सभ में ई 40वाँ नंबर पर आवे ला (जनगणना के समय रहल कुल 640 जिला सभ में)।[४] जिला के जनसंख्या घनत्व टेम्पलेट:Convert बाटे।[४] इहाँ 2001–2011 के दशक में जनसंख्या के बढ़ती के दर 17.81% रहल।[४] गोरखपुर जिला में मानव लिंगानुपात 944 औरत प्रति 1000 मर्दाना रहल,[४] आ साक्षरता दर 70.83% दर्ज कइल गइल।[४]

अर्थब्यवस्था

खेती

गोरखपुर जिला के अर्थब्याव्स्था मुख्य रूप से खेती आधारित बा। मैदानी इलाका होखे आ आसपास कौनों खनिज पदार्थ के बहुतायत न होखे के कारण एह इलाका के मुख्य कामकाज खेती बा। उपजाऊँ आ सपाट जमीन, नहर के ब्यवस्था आ ढेर जनसंख्या के कारण अनाज के माँग के चलते एह इलाका में खेती के महत्व ढेर बा।

जिला में जलोढ़ माटी मिले ले जे ज्यादातर बलुई दोमट आ दोमट प्रकार के बा।[७] तराई के ओर के इलाका के माटी के बिकास नम जलवायु आ ऊँच जमीनी पानी के लेवल वाली दशा में भइल हवे आ बनस्पति इतिहासी रूप से लमहर घास वाली रहल हवे। बिचला हिस्सा आ दक्खिनी हिस्सा में बाँगर में कुछ इलाका ऊसर जमीन वाला भी बा। नद्दी के किनारे के जमीन में ढूह प्रकार के माटी भी मिले ला।[८]

जिला के प्रमुख फसल में धान, गोहूँ, अरहर, ज्वार-बजड़ी, आलू इत्यादि बा। तराई के इलाका में गन्ना के खेती बहुत होला जे एह इलाका आ पूरा उत्तर प्रदेश के तराई वाला भाग के खास बिसेसता हवे।[९] धान के खेती दुसरा प्रमुख खेती हवे। एहू में गोरखपुर के उत्तरी इलाका में तराई के खास पहिचान, काला नमक नाँव के चाउर, के खेती भी होला जे एगो महकउवा चाउर हवे आ कई मामिला में परसिद्ध बासमती ले बीस मानल जाला।

जिला के ज्यादातर किसान लोग छोट किसान बा।

संस्कृति

गोरखपुर के संस्कृति उत्तर भारतीय संस्कृति आ भोजपुरिया संस्कृति हवे। एहिजा के लोग के रहन सहन परंपरागत रूप से हिंदू मान्यता आ परब-तिहुआर के साथे जुड़ल बा आ साथे-साथ इस्लामी तिहुआर आ रहन-सहन के भारतीय रूप देखे के मिले ला। प्रमुख हिंदू परब तिहुआर में होली, रामनवमी, जन्माष्टमी, दशहरा, आ दीपावली बाने जबकि मुसलमान लोग ईद, बकरीद आ मोहर्रम मनावे ला। खानपान में भात-दाल आ बिबिध किसिम के तरकारी सब्जी मुख्य भोजन हवे जबकि गोहूँ के रोटी भी उत्तर भारतीय इस्टाइल के बने ला। तराई के इलाका होखे के कारन नद्दी आ ताल के भरपूर मौजूदगी के चलते मछरी के भी बहुतायत होला आ इहो खाना के अंग हवे। शाकाहारी लोग के छोड़ दिहल जाव तब मीट आ मुर्गा के चलन भी बा आ इहाँ के माँसाहारी पकवान पर लखनऊ के परभाव भी देखे के मिले ला।

पहिनावा, पुराना ज़माना में मर्द लोग के धोती कुरता आ मेहरारू लोगन के साड़ी रहल जे अभिन भी चलन में बा। नाया जमाना के लोग कुरता पैजामा सदरी, पैंट बुशट आ जींस टी शर्ट पहिरल पसंद करे ला आ लइकी लोग में सलवार सूट के चलन बा।

लोग

गोरखपुर जिला के कई लोग नामी-गिरामी रह चुकल बा। साहित्य के क्षेत्र में फ़िराक़ गोरखपुरीविद्यानिवास मिश्र नियर लोग एह जिला में जनमल। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहल, परसिद्ध नेता बीर बहादुर सिंह एही जिला के रहलें।

एकरे अलावा कई अइसन उल्लेख जोग लोग गोरखपुर से जुड़ाव वाला रहल बा जे एह जिला में ना जनमल बाकी इनहन लोग के कर्मभूमि गोरखपुर रहल भा जिनगी के कौनों महत्व के घटना एह जिला में घटित भइल। परसिद्ध क्रांतिकारी रामप्रसाद बिस्मिल के काकोरी केस में एहिजे फाँसी दिहल गइल। मुंशी प्रेमचंद के कर्मभूमि भी गोरखपुर जिला रहल आ पुणे में जनमल बाबा राघवदास के कर्मस्थल भी इहे जिला रहल।

दिग्विजय नाथ आ आदित्यनाथ, एह जिला में जनमल ना लोग बाकी गोरखनाथ मठ के महंथ रहल आ इनहना लोग के कर्मभूमि गोरखपुर रहल, आदित्यनाथ गोरखपुर से कई बेर सांसद रहल बाड़ें आ वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बाड़ें।

टेम्पलेट:Clear

संदर्भ

टेम्पलेट:Reflist

बाहरी कड़ी

टेम्पलेट:Commons category

टेम्पलेट:Geographic location टेम्पलेट:उत्तर प्रदेश क जिला टेम्पलेट:उत्तर प्रदेश

टेम्पलेट:Authority control