कुशीनगर जिला

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टेम्पलेट:For टेम्पलेट:Coord टेम्पलेट:India Districts कुशीनगर जिला भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के सभसे उत्तरी पूरबी हिस्सा में एगो जिला बा। एक जिला मुख्यालय पड़रौना नाँव के कस्बा से थोड़ी दूर दक्खिन ओर मौजूद रबिंद्र नगर धूस में बा। जिला के नाँव प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ आ पर्यटन के जगह कुशीनगर नाँव के अस्थान पर रखल गइल हवे।

आजादी के बाद से ई देवरिया जिला क हिस्सा रहे जेवना के 13 मई 1994 के अलग जिला बनावल गइल। सुरुआत में एह जिला के नाँव पडरौना जिला रहल जेकरा के बाद में प्रसिद्ध अस्थान कुशीनगर के नाँव पर 19 जून 1997 के कुशीनगर जिला क दिहल गइल।[१]

कुशीनगर जिला के उत्तर उत्तर-पच्छिम में महाराजगंज जिला, दक्खिन पच्छिम ओर गोरखपुर जिला आ दक्खिन ओर देवरिया जिला बाने जबकि उत्तरपूरुब ओर बिहार के पच्छिमी चंपारण जिला आ दक्खिन पूरुब ओर गोपालगंज जिला बाने। कुशीनगर जिला के कुल रकबा 2873.5 वर्ग किलोमीटर बा आ कुल जनसंख्या 3,560,830 (साल 2011 में) रहल। प्रशासन के कामकाज खाती जिला के छह गो तहसील आ 14 गो बिकासखंड (ब्लाक) में बाँटल गइल बा। जिला में कुल 944 ग्राम सभा आ 1620 ठे गाँव (रेवेन्यू) बाने।[२]

इतिहास

गौतम बुद्ध के फूल (अवशेष) खाती जुद्ध के दृश्य, साँची में भीतिचित्र

वर्तमान कुशीनगर जिला के अंदर पड़े वाला इलाका के प्राचीन इतिहास के बारे में बतावल जाला कि इहाँ मल्ल लोग के राज रहल। बतावल जाला की कुशीनगर के पुरान नाँव राम के लइका "कुश" के नाँव पर पड़ल कुशवती[३] बतावे ला आ मल्ल राज के स्थापना के समय 4250 ईसा पूर्व में लक्ष्मण के लड़िका चंद्रकेतु द्वारा भइल भी बतावे ला।[४] पुरातत्व के साखी के आधार पर इतिहास लिखे वाला लोग जरूर माने ला कि तीसरी सदी ईसा पूर्व से पहिले भी कुशीनगर बौद्ध तीर्थ जरूर रहल होखी भले पुरातात्विक प्रमाण ना मिले ला।[५]

मल्ल लोग के ई राज गणराज्य (रिपब्लिक) के रूप में रहल आ सोरह ठो महाजनपद सभ में से एक रहल। एहू के दू हिस्सा आ दू ठो राजधानी रहल। एक ठो राजधानी वर्तमान कसया के लगे कुशीनगर रहल आ दुसरी राजधानी पावा रहल जेकर वर्तमान जगह फाजिलनगर मानल जाला। एह दुनों जगहन के इतिहासी महत्व बा। कुशीनगर में गौतम बुद्ध के निधन भइल आ पावा में महावीर के।

बाद के समय में ई इलाका मगध राज, मौर्य साम्राज्यगुप्त साम्राज्य के अधीन रहल। अशोक के काल में इहाँ कुशीनगर में गौतम बुद्ध के निधन वाला अस्थान पर स्तूप बनवावल गइल। बाद के समय में हिंदू राजा लोग परिनिर्वाण मंदिर के निर्माण करावल।

अंत में ई इलाका हर्ष के शासन में रहल आ पूर्व-मध्य काल में कलचुरी क्षत्री लोग के शासन में आइल। मानल जाला कि बारहवीं सदी तक ले कुशीनगर नाँव के ई राजधानी आबाद रहल आ ओके बाद धीरे-धीरे एकर महत्व कम हो गइल। मुस्लिम आक्रमण के बाद बौद्ध लोग एह अस्थान के छोड़ के भाग गइल आ ई बौद्ध तीर्थ बिलुप्त हो गइल।

दुबारा एह जगह के 19वीं सदी में खोज भइल। अलेक्जेंडर कनिंघम के अगुआई में आ बाद में उनके सहजोगी ए॰ सी॰ एल॰ कार्लाइल द्वारा एह इलाका में पुरातात्विक खोदाई के काम भइल आ बुद्ध के लेटल मुर्ती मिलल।

भूगोल

लोकेशन

कुशीनगर जिला के भूगोलीय लोकेशन 26.55 N अक्षांस से 27.31 N अक्षांस आ 83.5 E देशांतर से 84.42 E देशांतर के बीचा में बा।[६] जिला के आकृति लगभग त्रिभुज नियर बा जेकर आधार दक्खिन ओर आ शीर्ष उत्तर ओर बाटे। पूरबी कोना बिहार राज्य में घुसल बा आ एह जिला के उत्तर-पूरुब में बिहार के पच्छिम चंपारण जिला आ दक्खिन-पूरुब में बिहारे के गोपालगंज जिला पड़े लें। गंडक नदी कुशीनगर जिला आ पच्छिम चंपारण जिला के बीच के ज्यादातर सीमा बनावे ले। एह जिला के दक्खिन में देवरिया जिला बा जवना से अलगा हो के कुशीनगर खुद एगो जिला बनल। दक्खिन-पच्छिमी सीमा गोरखपुर जिला के साथे बने ले आ ज्यादातर हिस्सा मझाना नदी से बने ले। उत्तर-पच्छिमी सीमा महाराजगंज जिला के साथे बने ले जवन उत्तरी हिस्सा में कुछ दूर ले छोटी गंडक नदी के सहारे-सहारे बने ले। नेशनल हाइवे नंबर 27 (पुराना नंबरिंग में NH28) एह जिला के लगभग बीच से हो के पूरुब-पच्छिम के दिसा में गुजरे ला आ हाटा, कसया आ तमकुही राज जइसन बजार एही पर पड़े लें। कसया से पडरौना ले नेशनल हाइवे 724 (पुराना नंबरिंग में NH28B) जाला आ उतर-दक्खिन दिसा में बाटे।

थलरूप

भूआकृति बिज्ञान के हिसाब से ई जिला बिचला गंगा मैदान में पड़े ला आ अउरी डिटेल में बतावल जाय त घाघरा-गंडक दुआबा के हिस्सा हवे।टेम्पलेट:Efn कुल मिला के ई जलोढ़ चट्टान वाला क्षेत्र हवे आ प्राचीन काल के टीथीज सागर में जमा भइल भूपदार्थ सभ से बनल हवे। जिला के औसत ढाल उतर दिसा से दक्खिन-दक्खिन पूरुब दिसा में बाटे। गंडक आ छोटी गंडक एह जिला के पानी बहा के ले जाए वाली मुख्य नदी हई, गंडक एकरे उत्तरी पूरबी हिस्सा (सीमा) से बहे ले आ छोटी गंडक एकरे पच्छिमी हिस्सा में उत्तर-दक्खिन दिसा में बहे ले। अउरी प्रमुख नदी सभ में पडरौना शहर के उत्तर में बहे वाली झरही नदी आ अउरी उत्तर में बाँसी नदी, कुशीनगर के पच्छिम से बहे वाली खनुआ नदी, आ छोटी गंडक से पच्छिम ओर बहे वाली एकर सहायक माउनि नदी प्रमुख नदी बाड़ी। एह इलाका में जगह-जगह कई गो ताल भी पावल जालें, इनहन में पिपरा मुफ्ती आ तुर्कहा ताल आ पिपरइचा ताल प्रमुख बाने।

जलवायु

कुशीनगर के पच्छिम ओर गोरखपुर में मौसम बेध वाला इस्टेशन बा जहाँ के आँकड़ा एह जिला का प्रतिनिधित्व करे वाला मानल जा सके ला।[७] एह आँकड़ा सभ के हिसाब से देखल जाय तब जनवरी के महीना सभसे ठंढा होला आ एह महीना के औसत अधिकतम डेली तापमान 23 C आ न्यूनतम औसत डेली तापमान 9.9 C रहे ला। मई के महीना सभसे गरम होला आ एह महीना में इहे अधिकतम औसत डेली ताप बढ़ के 39 C आ न्यूनतम औसत डेली तापमान 25.9 C हो जाला। कुल सालाना औसत बरखा 1203 मिलीमीटर होले आ एकर ज्यादातर हिस्सा जून से सितंबर ले रहे वाला मानसून के सीजन में होला।

जनसांख्यिकी

टेम्पलेट:Bar box साल 2011 के जनगणना के आँकड़ा के अनुसार कुशीनगर जिला के कुल जनसंख्या 3,560,830 रहल,[८] यानी कि लिथुआनिया देस के बराबर[९] या अमेरिकी राज्य कनेक्टिकट के बराबर एह जिला के जनसंख्या रहल।[१०] एह हिसाब से भारत के 640 जिला सभ में एह जिला के रैंक 81वाँ रहल।[८] जिला में जनसंख्या घनत्व टेम्पलेट:Convert रहल।[८] जिला में जनसंख्या बढ़ती के दर 2001-2011 के एक दशक के अवधि में 23.08% रहे।[८] कुशीनगर जिला में लिंगानुपात 955 औरत प्रति 1000 मरद रहल,[८]साक्षरता दर 67.66% दर्ज कइल गइल।[८]

अर्थब्यवस्था

कुशीनगर जिला के अर्थब्यवस्था मुख्य रूप से खेती आधारित बा आ इहँवा के 77 प्रतिशत जमीन पर खेती कइल जा रहल बाटे।[११] नेट बोवाई वाला क्षेत्र के रकबा 223,166 हजार हेक्टेयर दर्ज कइल गइल बा आ 5156 हेक्टेयर जमीन परती के रूप में रहल; जिला में फसल इंटेंसिटी 156.1 % दर्ज कइल गइल। कुल खेतिहर लोग के जनसंख्या 2,85,698 रहल जेह में ज्यादातर लोग (2,75,698) छोटहन आ सीमांत किसान रहे। इलाका में उपराजल जाए वाली प्रमुख फसल सभ में धान, ऊख, गोहूँ, मसुरी इत्यादि बाटे। सिंचनी के साधन के रूप में नहर आ ट्यूबवेल के इस्तेमाल प्रमुख बा। खेती के साथे-साथ गाइ, भइस, भेड़-बकरी नियर मवेशी पालल जालें।[११]

साल 2010-11 में पूरा जिला में रजिस्टर्ड उद्योगी इकाई सभ के गिनती 3,736 रहल जेह में आठ गो इकाई मध्यम भा बड़ कटेगरी में रहलीं स।[१२] एह में से ज्यादातर इकाई सभ पड़रौना में स्थापित बाड़ी सऽ। एकरे अलावा कसया, सिर्गतिया, नदवार आ सिसवा बुजुर्ग में उद्योगिक इकाई स्थापित बा।

चीनी मिल एह इलाका में सभसे प्रमुख आर्थिक आधार हवे। पड़रौना, सेवरही, रामकोला, लक्ष्मीगंज, खड्डा आ हाटा नियर जगहन पर चीनी मिल बाड़ी स। कुल छह गो भारी चीनी मिल के अलावे एह इलाका में छोट लेवल पर भी क्रशर स्थापित बाने।[१३] पूरा जिला के सगरी छोटहन क्रशर सभ के लगभग 42% हिस्सा अकेले पडरौना ब्लॉक में बा। हालाँकि, पड़रौना के चीनी मिल के बहुत दिना से बंद होखे के कारण आ किसान लोग के गन्ना के कीमत के भुगतान न करे के कारन कुर्की के आदेस हो गइल रहल।[१४] हाल के समाचारन के मोताबिक एकरा फिर चालू होखे के उमेद बा।[१५]

जहाँ तक ले जिला के आर्थिक बिकास के बात बा, साल 2006 में पंचायती राज मंत्रालय द्वारा देस के कुल 640 जिला सभ में से बीछल गइल 250 सबसे बैकवर्ड जिला सभ में कुशीनगर जिला भी शामिल कइल गइल रहे।[१६] वर्तमान में उत्तर प्रदेश के 34 गो जिला सभ में से इहो जिला एक बा जेकरा के पिछड़ा क्षेत्र ग्रांट फंड प्रोग्राम (BRGF) के तहत धन जारी कइल जा रहल बा।[१६]

नोट


संदर्भ

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बाहरी कड़ी

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